बच्चों और युवाओं के लिए व्यग्रता

Anxiety in children and young people

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यह जानकारी युवा लोगों के लिए है और सामान्य रूप से अनुभव की जाने वाली व्यग्रता की भावना, उपयोगी स्वयं-सहायता रणनीतियों और यदि आपको इसकी आवश्यकता हो तो सहायता कहां से प्राप्त करें इस बात पर गौर करती है।

व्यग्रता वह शब्द है जिसका उपयोग हम अक्सर अपनी भावनाओं का वर्णन करने के लिए करते हैं जब हम चिंतित, तनावग्रस्त या भयभीत होते हैं। हम अक्सर इस शब्द का उपयोग यह व्यक्त करने के लिए करते हैं कि हम उन चीज़ों के बारे में कैसा महसूस करते हैं जो घटित होने वाली हैं या जिनके बारे में हमें लगता है कि घटित हो सकती हैं।

व्यग्रता से हमें सांस लेने में तकलीफ जैसी शारीरिक अनुभूतियां हो सकती है और प्रतिक्रियास्‍वरूप हम अपना व्यवहार बदलने पर मजबूर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि हम व्‍यग्र महसूस कर रहे हैं तो हम अत्यधिक सावधानी बरत सकते हैं या उन बातों से बच सकते हैं जो हमें लगता है कि हमें अधिक व्‍यग्र कर सकती हैं।

व्यग्रता की अनुभूति बहुत सामान्‍य बात है, और हर कोई समय-समय पर इस भावना से ग्रस्‍त होता है। यहां तक ​​कि जो लोग बाहर से आत्मविश्वासी और सकारात्मक दिखते हैं वे भी व्यग्रता का अनुभव कर सकते हैं।

इसे स्वीकार करने के लिए साहस और शक्ति चाहिए कि आप अपनी भावनाओं से जूझ रहे हैं, लेकिन यह याद रखना सहायक हो सकता है कि व्यग्रता (विशेषकर तनावपूर्ण अवधि के दौरान) एक सामान्य मानवीय अनुभव है।

व्यग्रता का अनुभव करने की क्षमता स्‍वयं को सुरक्षित रखने के हमारे तरीके का एक स्वाभाविक हिस्सा है। जब हमें लगता है कि शायद हम खतरे में हैं तो हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर को इससे निपटने के लिए तुरंत तैयार होने के लिए कहता है। परिणामस्वरूप आप अपने मन और शरीर में विभिन्न प्रकार की भावनाओं का अनुभव कर सकते हैं और इससे आपके व्यवहार में भी बदलाव आ सकता है।

व्यग्रता हर किसी को अलग-अलग तरह से अनुभव होती है, किंतु कुछ सामान्य रूप से वर्णित अनुभूतियां नीचे सूचीबद्ध हैं:

आपके शरीर में (शारीरिक रूप से) आप अनुभव कर सकते हैं:

  • अधिक तेज़ी से साँस लेना (उथली, छोटी साँसें)
  • बेहोशी का अनुभव, चक्कर आना या पैर कांपना
  •  हृदयगति बढ़ना
  • बीमार अनुभव करना और पेट में मरोड़ उठना या पेट ख़राब होना 
  • बेचैनी या बेसब्री
  •  मांसपेशियों में तनाव और जकड़न
  • सिरदर्द
  • अनिद्रा (नींद आने में परेशानी)

आपके मन में (मनोवैज्ञानिक रूप से) आप अनुभव कर सकते हैं:

  • अत्यंत चिंताजनक विचार
  • गुस्सा या परेशान होने की भावना
  • डर लगना जैसे कुछ भयानक घटित न हो जाए
  • अंतर्वेधी विचार (अप्रिय विचार जो आपका पीछा नहीं छोड़ते) जो बार-बार आते रहते हैं

आपके कार्यों (व्यवहार) में आप अनुभव कर सकते हैं:

  • बार-बार चीजों को जांचना
  • दूसरों से आश्वासन मांगना
  • कार्यों को टालते रहना
  • विशेष परिस्थितियों या बातों से बचना

व्यग्रता के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

हम सभी व्यग्रता का अनुभव करते हैं, लेकिन अधिकांश मानवीय लक्षणों की तरह हम व्यग्रता का अनुभव कैसे करते हैं यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति में भिन्न होता है। कुछ लोग अक्सर व्‍यग्र नहीं होते हैं, जबकि अन्य लोग चिंता करने के लिए बहुत सी बातों की कल्पना कर सकते हैं।

कुछ लोग विशेष गतिविधियाँ करते समय या उनके बारे में सोचते समय या विशेष परिस्थितियों में रहते हुए व्‍यग्रता का अनुभव करते हैं। उदाहरण के लिए, बड़े समूहों में घूमना, सभाओं में भाग लेना, या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना। स्कूल के विशेष विषय अधिक चुनौतीपूर्ण भी हो सकते हैं, जैसे नाटक या कक्षा में ज़ोर से पढ़ना। लोग बचने का व्यवहार विकसित कर सकते हैं, या अपने शयनकक्ष जैसी 'सुरक्षित जगह' पर भरोसा कर सकते हैं।

कुछ लोग निरंतर व्‍यग्रता का अनुभव करते हैं और कई अलग-अलग चीजों के बारे में चिंताजनक विचार रखते हैं जिन्हें नियंत्रित करना कठिन हो सकता है।

कुछ लोगों को विशेष वस्तुओं, स्थानों या परिस्थितियों से तीव्र भय का अनुभव होता है। इसे आमतौर पर दुर्भीति कहा जाता है। जब किसी को दुर्भीति होती है तो उन्हें जिस वस्‍तु से दुर्भीति होती है, उसके आसपास उन्‍हें खतरे का अत्‍यधिक अनुभव होगा।

अन्य लोग अपने मन में उद्विग्न करने वाले और अंतर्भेदी विचारों या चित्रों का अनुभव कर सकते हैं, जो एक मानसिक स्वास्थ्य दशा में विकसित हो सकते हैं जिसे मनोग्रसित बाध्यता विकार (ओसीडी) कहा जाता है। ओसीडी ग्रस्‍त लोगों को ऐसे काम करने की इच्छा हो सकती है जिनका विरोध करने में उन्हें असमर्थता महसूस होती है। उन्हें इन परेशान करने वाले विचारों को रोकने के लिए विशेष व्यवहार करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है और उन्हें यह महसूस हो सकता है कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो कुछ बुरा हो सकता है।

कुछ लोगों को घबराहट की स्थिति का अनुभव होता है, जिसे आकस्‍मिक भय विकार (पैनिक अटैक) कहा जाता है, जहां उनकी व्यग्रता अत्‍यंत बढ़ जाती है। आकस्‍मिक भय विकार आमतौर पर अल्पकालिक लेकिन तीव्र होते हैं। आकस्‍मिक भय विकार के दौरान व्यग्रता की अनुभूति के साथ-साथ, व्यक्ति के मन में डरावने विचार आ सकते हैं (जैसे कि ऐसा महसूस होना कि कुछ भयानक घटित हो सकता है)।

अधिकांश लोगों के लिए सामान्य से अधिक व्‍यग्र अनुभव करना ऐसी बात है जिसे वे संभाल सकते हैं और यह बड़े होने और मनुष्‍य होने के सामान्य दबाव और तनाव का हिस्सा है। कभी-कभी व्‍यग्रता अधिक स्थायी हो जाती है और दैनिक जीवन पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो अधिक जानकारी या सहयोग प्राप्त करना सहायक हो सकता है। 

किसी व्यक्ति को बेचैनी का अनुभव होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, लेकिन यह जानना कठिन है कि किसी एक व्यक्ति के लिए इसका कारण क्या है।

परिवार के किसी करीबी सदस्य के व्‍यग्र होने से व्‍यग्रता का अनुभव करने की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि स्‍वयं आपको वे चिंताएँ होने लगेंगी।

हम जानते हैं कि चुनौतीपूर्ण या जीवन के कठिन अनुभवों से व्‍यग्रता विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इन चुनौतियों के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं। हालाँकि याद रखें कि हम सभी अपने जीवन के अनुभवों पर अलग-अलग ढंग से प्रतिक्रिया करते हैं और जो बात एक व्यक्ति को व्‍यग्र करती है, जरूरी नहीं कि वह किसी और को भी व्‍यग्र करे।

ऐसी बातें जो लंबे समय तक रहने वाली व्‍यग्रता की संभावना को बढ़ा सकती हैं उनमें शामिल हैं:

  • आपके जीवन में बहुत सारे परिवर्तन या अनिश्चितता
  • वर्तमान पारिवारिक कलह
  • आवास संबंधी समस्याएँ, जैसे बेदखली या स्थायी ठिकाना न होना
  • आर्थिक समस्याएँ जैसे आपके माता-पिता का बिल या किराया देने में सक्षम न होना
  • आपका कोई करीबी मरणासन्‍न है (शोक)
  • किसी कष्टप्रद या दर्दनाक घटना का अनुभव (जैसे मारपीट या कार दुर्घटना )
  • समाचारों में छाए मुद्दों को लेकर चिंताएँ (उदाहरण के लिए पर्यावरण या युद्ध)
  • धमकी, भेदभाव और बहिष्कार (व्यक्तिगत रूप से और इंटरनेट पर)
  • परीक्षा या विद्यालय के काम के कारण तनाव
  • वर्तमान शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं
  • नशीली दवाओं, औषधियों और शराब का सेवन
  • आपके दैनिक जीवन में बड़े बदलाव
  • शारीरिक, यौन या भावनात्मक शोषण, और उपेक्षा (प्यार, देखभाल और ध्यान की लगातार कमी)

यदि आप किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार का अनुभव कर रहे हैं (या अनुभव किया है) और वर्तमान खतरे का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत पुलिस को फोन करें।

यदि आप ऐसा करने में असमर्थ महसूस करते हैं, तो हम आपको आगे की सलाह और सहायता प्राप्त करने के लिए आपके विश्‍वसनीय किसी वयस्क (जैसे शिक्षक, परिजन या चिकित्‍सक) तक पहुंचने या चाइल्डलाइन जैसी सहायता सेवा से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। आप इस संसाधन के अंत में उपलब्ध सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

'लड़ो, उड़ो या जम जाओ प्रतिक्रिया'

इससे व्यग्रता के बारे में और यह कैसे काम करती है, इसके बारे में थोड़ा जानने में मदद मिल सकती है। व्‍यग्रता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 'लड़ो, उड़ो या जम जाओ' प्रतिक्रिया है (जिसे तनाव प्रतिक्रिया के रूप में भी जाना जाता है)।

कई हजारों साल पहले मनुष्यों को अपने पर्यावरण से कई खतरों का सामना करना पड़ा जिसमें शिकारी जानवरों और अन्य मनुष्‍य भी शामिल थे। जीवित रहने के लिए हमारे शरीर को किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिए एक चेतावनी प्रणाली के साथ रचा गया है। जब यह प्रणाली सक्रिय होती है तो हमारा शरीर लड़ने, भागने या जमे रहने के लिए तैयार हो जाता है।

जब यह प्रणाली सक्रिय होती है, तो इससे हमारी हृदय गति और सांस बढ़ जाती है, जिससे हमारी मांसपेशियों को ऊर्जा मिलती है। हम तेजी से सोचने लगते हैं ताकि हम खतरे के संकेतों के लिए माहौल को बारीकी से जांच सकें और तुरंत प्रतिक्रिया कर सकें। कभी-कभी हमारा शरीर भी 'जम' सकता है और हिलना बंद कर सकता है ताकि शिकारी को सचेत न हो सके कि हम कहाँ हैं।

आजकल हमें इन शारीरिक खतरों के बारे में उतनी चिंता करने की आवश्‍यकता नहीं है, लेकिन हमारा शरीर अब भी उसी चेतावनी प्रणाली का उपयोग कर रहा है। इसके प्रवृत्त होने की अधिक संभावना उन बातों से हो सकती है जिन्हें हम मनोवैज्ञानिक खतरों के रूप में देखते हैं जैसे कि आंके जाने या असफल होने का डर।

यही कारण है कि व्यग्रता कोई रोग नहीं है, बल्कि हमारी जैविकी का एक सामान्य हिस्सा है। हालाँकि यह हमारे लिए एक समस्या बन सकती है जब हमारी चिंताएँ हमें काम करने और उन चीज़ों को करने में सक्षम होने से रोकती हैं जो हम करना चाहते हैं। 

'लड़ो, उड़ो या जम जाओ प्रतिक्रिया' के बारे में अधिक जानें।

अपने डर का सामना करना

हम जिन बातों से डरते हैं उनका सामना करके हम अपनी व्‍यग्रता पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं।

धीरे-धीरे

कुछ लोग धीरे-धीरे अपने डर का सामना करते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप कुत्तों से लगने वाले डर से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप कुत्तों के अभ्‍यस्‍त होने में मदद के लिए कई कदम उठा सकते हैं:

  • आप कुत्तों की तस्वीरें देखकर शुरुआत कर सकते हैं
  • एक बार जब आप इससे सहज हो जाएं, तो आप कुत्तों के वीडियो देख सकते हैं
  • तब आप किसी ऐसे मित्र से मिल सकते हैं जिसके पास कुत्ता है
  • अंततः आप ऐसे पार्क में जाने का अभ्यास कर सकते हैं जहाँ कम परिचित कुत्ते मौजूद हों

आमने - सामने

अन्य लोग अपने डर का सीधे सामना करना पसंद करते हैं। कुत्तों के डर के उदाहरण में, इसका मतलब होगा उस पार्क में जाना जहां कुत्ते हैं और तब तक वहीं रहना जब तक आपका डर कम न हो जाए।

इन तरीकों के कारगर होने का एक सरल जैविक कारण है। जब हम किसी वस्‍तु, स्थान या परिस्थिति से डरते हैं तो आमतौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमें लगता है कि अगर हमारा सामना उससे हुआ तो कुछ बुरा होगा। यदि हम उस काम को करने में समय बिता सकते हैं जिससे हम डरते हैं और कुछ बुरा नहीं होता है तो हम यह विश्वास करना शुरू कर सकते हैं कि शायद कुछ बुरा नहीं होगा और हमारी तनाव प्रतिक्रिया कम हो जाएगी।

कुत्तों से डर का उदाहरण ही लें तो कुछ लोग कुत्तों से डरते हैं क्योंकि उन्हें यह आशंका होती है कि वे उन्हें काट लेंगे या उन पर हमला कर देंगे। कुत्तों के आसपास समय बिताने और खुद को यह साबित करने से कि आपको काटे जाने या आप पर हमला होने की संभावना नहीं है, आपके शरीर में तनाव की प्रतिक्रिया स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगी।

ऐसा करना पहले तो बहुत डरावना लग सकता है, लेकिन जितनी अधिक बार आप ऐसा करेंगे, उतना अधिक आपका शरीर और दिमाग इन भावनाओं का अभ्‍यस्‍त हो जाएगा और तनाव प्रतिक्रिया अंततः क्षीण हो जाएगी।

अपनी श्वास और अपने शरीर पर ध्यान केंद्रित करें

श्‍वसन व्यायाम

कुछ लोगों को लगता है कि सरल श्‍वसन व्यायाम उनके तनाव की प्रतिक्रिया को कम करने या उससे छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। यहां दो अभ्यास हैं जो आपके लिए सहायक हो सकते हैं:

यदि इनमें से किसी भी व्यायाम से आपको सांस फूलने, चक्कर आने या असहजता जैसा महसूस होता है तो इनमें से कोई भी व्यायाम न करें।

व्यायाम करें और शरीर को गतिशील रखें

कुछ लोगों को लगता है कि गतिविधि या व्यायाम उनके शरीर को आराम देने में मदद करता है और उनकी तनाव प्रतिक्रिया को कम करता है।

इसका मतलब थोड़ी देर टहलना या दौड़ना, मौके पर कदमताल करना या स्टार जंप करना हो सकता है। ये सभी गतिविधियां आपकी व्‍यग्रता का स्तर बढ़ने पर आपकी मांसपेशियों में तनाव को कम करने में सहायक हो सकती हैं जिससे आपको शांत होने में मदद मिल सकती है।

वेबसाइट ओपन माइंडेड ऑनलाइन में व्यायाम के कई उदाहरण हैं जो आपको उपयोगी लग सकते हैं, जिनमें पावर पंचिंग, योग पंचिंग, अपने चेहरे की स्‍वयं मालिश, कुर्सी योग, तनाव मुक्ति व्यायाम और मस्तिष्क 'जिम' शामिल हैं। अधिक जानकारी यहां मिल सकती है।

यहां और अभी पर ध्यान केंद्रित करना

अपने दिमाग को वर्तमान में लाना और अभी और यहां पर ध्यान केंद्रित करना आपकी तनाव प्रतिक्रिया को कम करने में मदद कर सकता है। एक विशेष विधि जो सहायक हो सकती है, उसमें वर्तमान पर अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के लिए अपनी पांचों इंद्रियों का उपयोग करना शामिल है। यह नाम लेकर किया जाता है:

  • पाँच चीज़ें जो आप देख सकते हैं
  • चार चीज़ें जिन्हें आप छू सकते हैं
  • तीन बातें जो आप सुन सकते हैं
  • दो चीज़ें जिन्हें आप सूंघ सकते हैं
  • एक चीज़ जिसका आप स्वाद ले सकते हैं

यह आपके विचारों को व्‍यग्रता से दूर कर फिर से केंद्रित करने में मदद कर सकता है। 

एक 'शांत बॉक्स' बनाने से भी यहां और अभी पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सकती है। एक डिब्‍बा उन चीज़ों से भरें जिन्हें आप ख़ुशी और शांति महसूस करने से जोड़ते हैं। आप इनमें अपने पालतू जानवरों या दोस्तों की तस्वीरें, ऐसी वस्तुएं जिनसे आप मनमाने ढंग से खेल सकते हैं (जैसे स्ट्रेस बॉल या पहेलियाँ) और कुछ भी जो आप शांत महसूस करने से जोड़ते हैं, शामिल कर सकते हैं।

अपने पसंदीदा संगीत, खेल या फिल्मों से अपना ध्यान भटकाना भी मददगार हो सकता है।

आप कैसा महसूस करते हैं उसे व्यक्त करना

उसके बारे में बात करना

अपनी चिंताओं को परिवार, दोस्तों या परामर्शदाता के साथ साझा करने से व्‍यग्रता की अनुभूति को कम करने में मदद मिल सकती है। यह अकेलेपन की भावनाओं को कम करने में भी मदद कर सकता है और आपको उन लोगों से जुड़ने में मदद कर सकता है जिनके समान अनुभव हो सकते हैं और जिनके पास साझा करने के लिए सलाह हो सकती है।

एक डायरी रखना

कुछ लोगों को यह दर्ज करना मददगार लगता है कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं और उनके जीवन में क्या हो रहा है। बातों को कागज पर लिखने से आपको अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करने, अपने अनुभवों पर विचार करने और यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि आपकी चिंताओं का कारण क्या है। यह आपको उन तरीकों के बारे में सोचने के लिए भी अवसर दे सकता है जिनसे आप उन बातों से निपट सकते हैं जो चिंता का विषय बन गई हैं।

अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए अलग से समय निकालें।

अपनी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अलग से समय निकालने से आपको शेष दिन अपनी चिंताओं पर ध्‍यान न देने में मदद मिल सकती है। कुछ लोग एक 'चिंता पात्र' रखना पसंद करते हैं जिसमें वे अपनी लिखी गई चिंताओं को संगृहीत कर सकते हैं, और उसके बाद उस चिंता पात्र को केवल निर्धारित 'चिंता के समय' पर ही खोलते हैं।

आप जो भी प्रयास करने का निर्णय करते हैं, उसमें यह याद रखना हमेशा अच्छा होता है कि हम सभी को जीवन भर कभी-कभी दूसरों की मदद की आवश्यकता होती है। आप जो महसूस कर रहे हैं उसे खुलकर साझा करने से डरें नहीं।

यदि आपकी व्‍यग्रता आपके लिए बहुत सारी समस्याओं का कारण बन रही है, तो कुछ पेशेवर सहयोग प्राप्त करना सहायक हो सकता है। आप अपने सामान्य चिकित्सक से बात कर सकते हैं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। वे आपसे उपलब्ध विकल्पों के बारे में चर्चा करेंगे और आपको यह तय करने में मदद करेंगे कि आपके लिए सबसे उपयुक्त क्या है। इनमें शामिल हैं:

बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं (सीएएमएचएस)

सीएएमएचएस में विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञों की एक श्रंखला होती है, जिनमें से सभी को बच्चों और किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का प्रशिक्षण दिया गया है। विभिन्न दलों में मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और नर्सों सहित विविध प्रकार के पेशेवर होते हैं। वे विशेषज्ञ आकलन प्रदान करते हैं और उपचार के लिए सिफारिशें करते हैं।

बालचिकित्‍सा

बाल रोग विशेषज्ञ वे चिकित्‍सक होते हैं जो आमतौर पर जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के युवाओं का आकलन और उपचार करते हैं। यदि आपके चिकित्‍सक चिंतित हैं कि आप एक अन्‍तर्निहित शारीरिक स्वास्थ्य दशा से ग्रस्‍त हैं जो आपके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हो सकती है और इसका आकलन करने की आवश्यकता है (उदाहरण के लिए व्‍यग्रता के कारण बेहोशी हो सकती है, लेकिन यह किसी शारीरिक रोग के कारण भी हो सकती है जिसका निदान और उपचार आवश्यक है) तो आपका चिकित्‍सक आपको बाल रोग विशेषज्ञ के पास भेज सकता है।

स्कूल

यदि आपकी समस्या मुख्य रूप से स्कूल आधारित है तो इसे हल करने में मदद के लिए स्कूल या स्थानीय शिक्षा प्राधिकरण से संपर्क करना सबसे अच्छा हो सकता है। स्कूलों में अक्सर विशिष्ट सेवाएँ होती हैं जो मदद कर सकती हैं। इनमें स्कूल-आधारित उपचार या परामर्श, शैक्षिक मनोवैज्ञानिक और विशिष्ट जिम्मेदारी वाले अन्य दल शामिल हैं (यानी व्यवहार संबंधी समस्याएं, स्‍वलीनता (ऑटिज्‍म) , या सीखने की कठिनाइयाँ)।

सभी स्कूलों और शिक्षा अधिकारियों के पास तंग किए जाने या कक्षा में अतिरिक्त सहायता प्राप्त करने जैसे मुद्दों के लिए नीतियां और प्रक्रियाएं होनी चाहिए।

सामाजिक सेवाएं

सामाजिक सेवाएँ परिवारों को व्यावहारिक सहयोग दे सकती हैं, विशेषकर जिनमें उनके बच्चे सीखने में अक्षम हैं। इसमें सेवाओं या सामाजिक गतिविधियों तक पहुँचने के लिए वित्त पोषण, पालन-पोषण और गोद लेने में सहयोग, और माता-पिता के लिए सहयोग और सलाह शामिल हो सकते हैं। बच्चों की सुरक्षा करना भी उनका विशिष्ट कर्तव्य है और इसके परिणामस्वरूप वे बाल संरक्षण प्रक्रियाओं के आयोजन में शामिल होते हैं जहां एक बच्‍चे की सुरक्षा और कल्याण के बारे में चिंता होती है।

परोपकारी सेवाएँ

परोपकारी सेवाएँ लोगों को उनके मानसिक स्वास्थ्य में सहायता करने के लिए सेवाएँ देती हैं, हालाँकि ये सेवाएँ इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप कहाँ रहते हैं। कुछ संगठन विशेष समूहों की आवश्यकताओं में सहयोग करने के लिए स्थापित किए गए हो सकते हैं। उदाहरण के लिए जातीय अल्पसंख्यक समुदाय या विशिष्ट दशाओं वाले बच्चों के परिवार। अन्य राष्ट्रीय हो सकते हैं, जैसे कि यंगमाइंड्सरिलेटचाइल्डलाइन और  नेशनल ऑटिस्टिक सोसाइटी

निजी चिकित्सा

कुछ लोग निजी चिकित्सा के लिए भुगतान करना चुनते हैं। निजी चिकित्सक परामर्श, व्यवहार चिकित्‍सा, मनोगतिक उपचार, मानवतावादी उपचार, पारिवारिक और प्रणालीगत उपचार और कई अन्य उपचार दे सकते हैं।

लागत अलग-अलग होती है, लेकिन अक्सर प्रति सत्र £40 और £100 के बीच होती है। कुछ निजी थेरेपी सेवाएँ कम आय वाले लोगों को कम दरों की पेशकश करती हैं।

यदि आप एक निजी चिकित्सक का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एक पंजीकृत मान्यता संस्थान से संबंधित हों, जैसे कि बीएसीपी(ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर काउंसलिंग एंड साइकोथेरेपी) या एसीपी (एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड साइकोथेरेपिस्ट्स).

एक ही समय में दो अलग-अलग चिकित्सकों के साथ काम करने से बचने में भलाई है जब तक कि वे एक ही दल से न हों और साथ मिलकर काम न करते हों। ऐसा इसलिए है क्योंकि अलग-अलग चिकित्सक अलग-अलग तरीकों का उपयोग कर सकते हैं जो एक साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं।

  • चाइल्डलाइन किसी युवा व्यक्ति को होने वाली किसी भी चिंता के लिए जानकारी और सहायता का एक स्रोत। आप मुफ़्त और गोपनीय सलाह के लिए 0800 1111 पर फ़ोन कर सकते हैं या ईमेल/संदेश बोर्ड द्वारा उनसे संपर्क कर सकते हैं।
  • यंग माइंड्स – युवाओं और उनके माता-पिता को युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी और सलाह प्रदान करता है।
  • माइंड्  - मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए सलाह और सहायता प्रदान करता है।
  • एंग्ज़़ा़इटी यूके - व्‍यग्रता की समस्याओं से पीड़ित लोगों को जानकारी और सहयोग प्रदान करता है।
  • यूथ एक्‍सेस - जानकारी, सलाह और परामर्श प्रदान करता है। वे आपके क्षेत्र में स्थानीय सहयोग सेवाएँ ढूंढने में भी आपकी सहायता करेंगे।

वीडियो लिंक:

  • फ़ेबलफ़ाय - द होल चाइल्‍ड
  • सनीब्रुक हॉस्‍पिटल
  • एंग्जाइटी कैनेडा
  • माइंडेड ऑनलाइन

यह जानकारी रॉयल कॉलेज ऑफ साइकियाट्रिस्ट्स चाइल्ड एंड फैमिली पब्लिक एंगेजमेंट एडिटोरियल बोर्ड (CAFPEB) द्वारा तैयार की गई थी। यह लेखन के समय उपलब्ध सर्वोत्तम साक्ष्य को दर्शाती है।

विशेषज्ञ लेखक: डॉ मैरिएन हिल्टन, डॉ सामी टिमिमी और डॉ त्ज़े हुई फांग

इस संसाधन की सामग्री पर प्रतिक्रिया देने वाले युवाओं को विशेष धन्यवाद।

इस संसाधन के लिए पूर्ण संदर्भ अनुरोध पर उपलब्ध हैं।

प्रकाशित: अगस्त 2022

 पुनरावलोकन: अगस्त 2025

© Royal College of Psychiatrists

This translation was produced by CLEAR Global (Mar 2024)

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