मनोग्रसित-बाध्यता विकार (ओसीडी)

Obsessive-compulsive disorder (OCD)

Below is a Hindi translation of our information resource on obsessive-compulsive disorder (OCD). You can also view our other Hindi translations.

"वह एक जुनूनी फुटबॉल प्रेमी है।"
"व‍ह जूतों के बारे में सनकी है।"
"वह आदत से मजबूर झूठा है।"

हम इन वाक्यांशों का उपयोग उन लोगों का वर्णन करने के लिए करते हैं जो किसी वस्‍तु के बारे में बहुत सोचते हैं या बार-बार कुछ करते हैं, तब भी जबक‍ि दूसरों को इसका कोई कारण नहीं दिखता। यह आमतौर पर कोई समस्या नहीं है और कुछ प्रकार के कामों में यह सहायक भी हो सकता है।

हालाँकि कुछ लोगों के मन में परेशान करने वाले विचार बार-बार आते हैं या एक ही काम को बार-बार करने की इच्छा होती है। यह आपके जीवन पर हावी हो सकता है, आपको चीजों का आनंद लेने से रोक सकता है, यहां तक ​​​​कि आपको उन कामों को करने से भी रोक सकता है जो आपकेे ल‍िए आवश्‍यक हैं

तो यदि:

  • आपके मन में भयानक विचार आते हैं, भले ही आप उन्हें दूर रखने के लिए संघर्ष करते हों

या

  • आपको वस्‍तुओं को छूना या गिनना पड़ता है या एक ही क्रिया जैसे धोना बार बार दोहरानी पड़ती है

तो आपको मनोग्रसित-बाध्यता विकार (ओसीडी) हो सकता है।

यह पत्रक ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए है जिसे जुनून या बाध्यता की समस्या है। आशा है कि यह परिजनों, म‍ित्रों और प्रत्‍येक उस व्‍यक्‍त‍ि के ल‍िए भी सहायक होगा - जो ओसीडी के बारे में जानना चाहता है।

इसमें बताया गया है क‍ि ओसीडी का अनुभव कैसा होता है, क्‍या कुछ सहायता उपलब्ध है और वह कितनी कारगर है, कैसे आप अपनी और किसी अन्‍य अवसादग्रस्‍त व्यक्ति की सहायता कर सकते है। इसमें ओसीडी के बारे में कुछ ऐसी बातें भी बताई गई हैं जिनसे हम अनजान हैं। पत्रक के अंत में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अन्य स्थानों की एक सूची है और उस शोध के संदर्भ हैं जिस पर यह पत्रक आधारित है।

ओसीडी का अनुभव कैसा होता है?

ओसीडी के घटक

ओसीडी के तीन मुख्य भाग हैं।

  • जुनून - जो विचार आपको चिंतित करते हैं
  • भावनाएँ - ज‍िस चिंता का आप अनुभव करते हैं
  • बाध्‍यताएं - वे काम जो आप अपनी चिंता को कम करने के लिए करते हैं

आइए इन्हें अधिक विस्तार से जानें।

जुनून - जो विचार आपको चिंतित करते हैं

"मुझे भय है कि मैं अपनी बच्ची को हान‍ि पहुँचाऊँगी। मैं जानती हूं कि मैं ऐसा नहीं करना चाहती कि‍ंतु मेरे दिमाग में बुरे विचार आते रहते हैं। मैं खुद के बेकाबू होकर उसे चाकु घाेंपने की कल्पना कर सकती हूं । इन विचारों से छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका है प्रार्थना करना और फिर एक अच्छा विचार पालना जैसे कि " मैं जानती हूं कि मैं उससे बहुत प्यार करती हूं।" आमतौर पर उसके बाद मैं थोड़ा बेहतर महसूस करती हूं, जब तक वे भयानक तस्वीरें अगली बार मेरे जेहन में नहीं उभरतींं हैं। मैंने अपने घर में सभी धारदार वस्तुएं और चाकू छिपा दिए हैं। मैं मन ही मन सोचती हूं, " तुम एक भयानक मां हो जो ऐसा सोचती है। मैं अवश्य पागल हो रही हूं।'' - डॉन

  • विचार - एकल शब्द, छोटे वाक्यांश या तुकबंद‍ियां जो अप्रिय, चौंकाने वाले या अपव‍ित्र हैं। आप उनके बारे में सोचने का प्रयास नहीं करते कि‍ंतु वे आपसे दूर नहीं होते। आपको चिंता रहती है कि आप (कीटाणु, गंदगी या रोग से) दूषित हो सकते हैं या आपकी असावधानी से किसी को हानि‍ पहुंंच सकती है।
  • आपके दिमाग में उभरने वाली तस्वीरें- आप अपने परिवार को मृत देखते हैं, या स्‍वयं को कुछ हिंसक या कामुक करते हुए देखते हैं जो आपके चरित्र से ब‍िलकुल मेल नहीं खाता - किसी को चाकू घोंपना या क‍िसी से दुर्व्यवहार करना, या व‍िश्‍वासघात करना। ऐसे विचार पीड़ित, उनके परिवार और यहां तक ​​कि पेशेवर लोगों के लिए भी बहुत भयप्रद हो सकते हैं। कि‍ंतु हम जानते हैं कि जुनून से ग्रस्त लोग इन विचारों पर अमल नहीं करते हैं, भले ही उन्हें भय हो कि वे ऐसा कर बैठेंगे। ओसीडी वाले व्‍यक्ति को किसी अन्‍य साधारण व्‍यक्‍त‍ि की तुलना में हान‍ि पहुंचाने का अध‍िक जोखिम नहीं होता है। फिर भी, यदि आपके मन में ऐसे विचार आते हैं तो ओसीडी के उपचार में विशि‍ष्‍टअनुभव वाले मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मिलना सबसे अच्छा रहता है।
  • संदेह - आप घंटों तक सोचते रहते हैं कि कहीं आपके कारण किसी के साथ कोई दुर्घटना या अनहोनी तो नहीं हो गयी। आपको चिंता हो सकती है कि आपने अपनी कार से किसी को टक्कर मार दी है या आपने अपने दरवाज़े और खिड़कियां खुली छोड़ दी हैं।
  • रोमन्‍थन– आप अपने आप से इस बात को लेकर लगातार बहस करते रहते हैं कि एक काम करें या दूसरा इसलिए आप सबसे सरल निर्णय नहीं कर पाते हैं।
  • पूर्णतावाद- यदि चीजें बिलकुल सही क्रम, संतुलन या सही स्‍थान पर नहीं हैं, तो ज‍िस तरह आप परेशान होते हैं उस तरह दूसरे लोग परेशान नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किताबखाने में क‍िताबें ठीक से व्‍यवस्‍थ‍ित नहीं हैं।

भावनाएँ - ज‍िस चिंता का आप अनुभव करते हैं

"मेरा पूरा दिन यह देखने में बीत जाता है कि कुछ भी गलत न हो जाए। मुझे सुबह घर से बाहर निकलने में एक घंटा लगता है, क्योंकि मैं कभी भी आश्वस्त नहीं हो पाता कि मैंने सभी व‍िद्युत उपकरण जैसे क‍ि कुकर आद‍ि बंद कर दिए हैं और सभी खिड़कियाँ बंद कर दी हैं। फिर मैं पांच बार यह देखता हूं कि गैस का चूल्‍हा बंद है या नहीं, यद‍ि तसल्‍ली न हो तो मुझे फिर से यह सब करना पड़ेगा । आखि‍रकार मैं अपने साथी से मेरे लिए यह सब फिर से देखने को कहता हूँ। काम के दौरान मैं हमेशा पीछे रहता हूं क्योंकि यद‍ि मुझसे कोई गलती हो जाए तो मैं हर चीज को कई बार जांचता हूं। न जाँचने पर मैं इतना च‍िन्‍त‍ित हो उठता हूं कि मैं सहन नहीं कर सकता। मैं जानता हूं यह हास्यास्पद है कि‍ंतु मुझे लगता है कि यद‍ि कुछ भयानक हुआ तो दोषी मैं ही होऊंगा।'- जॉन

  • आप तनावग्रस्त, चिंतित, भयभीत, अपराधी, घृण‍ित या अवसादग्रस्‍त अनुभव करते हैं।
  • यदि आप अपने बाध्यकारी व्यवहार या पद्धति का पालन करते हैं तो आप बेहतर महसूस करते हैं - कि‍ंतु यह लंबे समय तक जारी नहीं रहता है।

बाध्‍यताएं - वे काम जो आप अपनी चिंता को कम करने के लिए करते हैं

"मुझे अन्य लोगों से क‍िसी संक्रमण का भय रहता है। मैं कीटाणुओं की रोकथाम के लिए अपने घर की सभी सतहों को व‍िरंजि‍त करने में घंटों बिताती हूं,और प्रत‍िदिन कई बार अपने हाथ धोती हूं। मैं प्रयास करती हूं कि संभव हो तो घर से बाहर ही न निकलूं। जब मेरे पति और बच्चे घर लौटते हैं, तो मैं उनसे विस्तार से पूछती हूं कि वे कहां थे, कहीं वे अस्पताल जैसी किसी खतरनाक जगह पर तो नहीं गए थे। मैं उनसे उनके सारे कपड़े भी उतरवाती हूं और अच्छे से नहाने को कहती हूँ। मुझे कहीं यह एहसास भी होता है कि ये डर मूर्खतापूर्ण हैं। मेरा परिवार इससे तंग आ चुका है कि‍ंतु यह इतने लंबे समय से चल रहा है कि अब मैं इसे रोक नहीं सकती।'- लिज़

  • जुनूनी विचारों को सुधारना- आप गिनने, प्रार्थना करने या किसी शब्द विशेष को बार-बार कहने जैसे तटस्‍थ करने वाले वैकल्पिक विचार व‍िकसि‍त करते हैं। ऐसा अनुभव होता है मानो यह बुरी बातों को होने से रोकता है। यह आपको परेशान करने वाले किसी भी अप्रिय विचार या कल्‍पना से छुटकारा पाने का एक तरीका भी हो सकता है।
  • पद्धत‍ियां- आप अक्‍सर अपने हाथ धोते हैं, काम वास्तव में धीरे-धीरे और सावधानी से करते हैं, शायद वस्तुओं या गतिविधियों को एक विशेष तरीके से व्यवस्थित करते हैं। इसमें इतना समय लग सकता है कि कहीं भी जाने या कुछ भी उपयोगी करने में वर्षों लग जाते हैं।
  • जाँचना- संदूषण के प्रत‍ि अपने शरीर को, उपकरण बंद हैं, घर में ताला लगा हुआ है या आपका यात्रा मार्ग सुरक्षित है।
  • परहेज - ऐसी किसी भी वस्‍तु से जो चिंताजनक विचारों की याद दिलाती है। आप विशेष वस्तुओं को स्‍पर्श करने, व‍िशेष स्थानों पर जाने, जोखिम लेने या उत्‍तरदाय‍ित्‍व स्वीकार करने से स्‍वयं को रोकते हैं। उदाहरण के लिए, आप रसोई में जाने से स्‍वयं को रोकते हैं क्योंकि आपको पता हैं वहां आपको तेज़ चाकू मिल जाएंगे।
  • जमाखोरी - बेकार और घिसी-पिटी वस्‍तुओं की। आप कुछ भी फेंक ही नहीं सकते।
  • आश्वासन – आप बार-बार दूसरों से यह बताने के लिए कहते हैं कि सब कुछ ठीक है।

ओसीडी कितना सामान्‍य है?

प्रत्येक 50 में से लगभग 1 व्यक्ति, पुरुष और महिला समान रूप से,अपने जीवन में किसी न किसी समय ओसीडी से पीड़ित होता है। यूके में यह दस लाख से अधिक लोगों तक को होता है।

प्रसिद्ध पीड़ितों में जीवविज्ञानी चार्ल्स डार्विन, पथप्रदर्शक नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल, अभिनेत्री कैमरून डियाज़ और फुटबॉल खिलाड़ी डेविड बेकहम शामिल क‍िए जा सकते हैं।

यदि आप जुआ खेलते हैं, खाने या पीने के ल‍िए “बाध्‍य” होते हैं, तो क्या आपको ओसीडी है?

नहीं। 'बाध्यकारी' और 'जुनूनी' शब्द का उपयोग कभी-कभी उन लोगों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो जुआ खेलते हैं, मद्यपान करते हैं, खरीदारी करते हैं, सड़कछाप नशीली दवाओं का सेवन करते हैं - या यहां तक ​​कि बहुत अधिक व्यायाम भी करते हैं।

हालाँकि, ये व्यवहार आनंददायक हो सकते हैं। ओसीडी में बाध्यताएं कभी आनंद नहीं देतीं हैं - उन्हें सदैव एक अप्रिय मांग या बोझ के रूप में अनुभव किया जाता है।

ओसीडी कितना ब‍िगड़ सकता है?

इसमें भिन्नता होती है, कि‍ंतु यदि आपको न‍िरंतर ओसीडी से जूझना नहीं पड़ रहा है तो कार्य, संबध और पारिवारिक जीवन सभी अधिक उत्पादक और संतोषजनक होते हैं।

गंभीर ओसीडी के कारण नियमित रूप से काम करना, पारिवारिक जीवन में भाग लेना - या यहां तक ​​कि अपने परिवार के साथ नि‍र्वाह करना भी असंभव हो सकता है।

विशेष रूप से यदि आप अपनी पद्धत‍ियों में उन्हें शामिल करने का प्रयास करते हैं तो आपका परिवार परेशान हो सकता है।

क्या ओसीडी वाले लोग नियंत्रण खो देते हैं?

नहीं - ओसीडी वाले लोग नियंत्रण नहीं खोते हैं, भले ही वे अक्सर इस बारे में बहुत चिंता करते हैं। वे यह भी पूछ सकते हैं कि क्या वे 'पागल’ हो रहे हैं। वे अक्सर अपनी दशा पर लज्‍ज‍ित होंगे और इसे छिपाने का प्रयास करेंगे, भले ही इसमें उनकी गलती न हो।

यद्यपि आपको चिंता हो सकती है कि आप नियंत्रण खो देंगे, हम जानते हैं कि ऐसा बहुत कम होता है।

कौन सी दशाएं ओसीडी के समान हैं?

ऐसी कई अन्य दशाएं हैं जो ओसीडी के साथ अत‍िव्‍याप्‍त हो सकती हैं या उनमें अन्य समानताएं हो सकती हैं।

  • शारीरिक कुरूपता विकार या 'कल्पित कुरूपता का कष्ट'। आप मान बैठते हैं कि आपके चेहरे या शरीर का कोई हिस्सा बेडौल है और घंटों दर्पण के सामने बैठकर उसे देखते रहते हैं और उसे ढकने की कोशिश करते हैं। आप सार्वजनिक स्‍थलों पर जाना भी बंद कर सकते हैं।
  • लोमकर्षण उन्माद - अपने बाल या भौहें खींचने की इच्छा।
  • स्वास्थ्य चिंता (हाइपोकॉन्ड्रियासिस) - कैंसर जैसे गंभीर शारीरिक रोग से ग्रस्‍त होने का भय।
  • टुरेट सिंड्रोम (ज‍िसमें कोई व्यक्ति अचानक चिल्ला सकता है या अनियंत्रित रूप से झटके खा सकता है) वाले लोगों को अक्सर ओसीडी भी होता है।
  • एस्पर्जर सिंड्रोम जैसे ऑटिज्म के कुछ प्रकारों से पीड़ित बच्चे और वयस्क ओसीडी से पीड़‍ित लग सकते हैं क्योंकि उन्हें चीजों का एक जैसा रहना पसंद होता है और वे एक ही काम को बार-बार करना पसंद कर सकते हैं।

ओसीडी कब प्रारंभ होता है?

कई बच्चों में हल्की-फुल्की बाध्यताएं होती हैं। वे अपने खिलौनों को बहुत कायदे से व्यवस्थित कर सकते हैं या पटरी में पड़ी दरारों पर कदम रखने से स्‍वयं को रोक सकते हैं। जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, यह आमतौर पर ठीक हो जाता है।

वयस्क ओसीडी आमतौर पर किशोरावस्था या आयु के प्रारंभ‍िक बीसवें दशक में प्रारंभ होता है। लक्षण समय के साथ व‍िकस‍ित और ठीक हो सकते हैं कि‍ंतु पीड़ित अक्सर तब तक मदद नहीं खोजते हैं जब तक कि उन्हें कई वर्षों तक ओसीडी न हो।

सहायता या उपचार के बिना क्या संभावना है?

ओसीडी के लक्षण सुधर सकते हैं या कुछ समय के लिए ठीक हो सकते हैं कि‍ंतु वे अक्सर लौट आते हैं। कुछ लोगों में लक्षण धीरे-धीरे बदतर हो जाते हैं, जबकि अन्य लोगों में लक्षण तब बदतर हो जाते हैं जब वे तनावग्रस्त या अवसादग्रस्‍त होते हैं।

उपचार से आमतौर पर सहायता मिलेगी।

ओसीडी होने का क्या कारण है?

ऐसे कई कारक हैं जो ओसीडी के विकास में प्रभावकारी हैं।

  • वंशाणु - ओसीडी एक जटिल विकार है। अध्ययनों से प्रकट होता है कि किसी व्यक्ति में ओसीडी विकसित होने में विभिन्न आनुवांश‍िक जोख‍िम कारक शामिल होते हैं। ओसीडीग्रस्‍त क‍िसी संबंंधी वाले लोगों में ओसीडी विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक है ज‍िनके ऐसे संबंधी नहीं हैं।
  • तनाव – हर तीन में से एक या दो मामलों में तनावपूर्ण जीवन की घटनाएँ इसकी वजह बनती हैं।
  • जीवन में परिवर्तन – ऐसे समय पर जब किसी को अचानक अधिक ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है - उदाहरण के लिए, यौवनारम्‍भ, बच्चे का जन्म या नई नौकरी।
  • मस्तिष्क में परिवर्तन – हम नहीं जानते कि यह एक कारण है, या ओसीडी का परिणाम है - कि‍ंतु यदि आप में लक्षण थोड़े समय से अधिक समय तक रहते हैं, तो शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि मस्तिष्क में सेरोटोनिन (जिसे 5HT नाम से भी जाना जाता है) नामक रसायन के काम करने के तरीके में बदलाव हो सकता है।
  • व्यक्तित्व – यदि आप उच्च मापदंडों वाले साफ-सुथरे, सावधान, सुव्यवस्थित व्यक्ति हैं तो आपमें ओसीडी विकसित होने की संभावना अधिक हो सकती है। ये गुण आमतौर पर सहायक होते हैं, कि‍ंतु यद‍ि ये बहुत बढ़ जाएं तो ओसीडी में पर‍िवर्त‍ित हो सकते हैं।
  • सोचने के तरीके – हममें से लगभग सभी के मन में कभी-कभी व‍िच‍ित्र या परेशान करने वाले विचार या चित्र उभरते हैं - "क्या होगा अगर मैं उस कार के सामने से निकल जाऊं?" या "मैं अपने बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता हूँ।" हममें से अधिकांश लोग इन विचारों को तुरंत न‍िरस्‍त कर देते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ जाते हैं। कि‍ंतु, यदि आप नैतिकता और उत्‍तरदाय‍ित्‍व के प्रत‍ि विशेष मापदंड रखते हैं, तो आप अनुभव कर सकते हैं कि ऐसे विचार रखना भी भयानक है। इसलिए इस बात की अधिक संभावना है क‍ि आप इनके लौटने पर नज़र रखेंगे - जिससे इनके लौटने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

सहायता प्राप्त करना

मैं अपनी सहायता कैसे कर सकता/सकती हूँ?

यहां कुछ काम हैं जो आप स्वयं कर सकते हैं जिनसे ओसीडी से ग्रस्‍त अन्य लोगों को सहायता मिली है।

  • याद रखें - यह आपकी गलती नहीं है और आप 'पागल' नहीं हो रहे हैं।
  • अपने परेशान करने वाले विचारों के प्रत‍ि उन्‍मुख हों। यह व‍िच‍ित्र लगता है कि‍ंतु यह उन पर अधिक नियंत्रण पाने का एक तरीका है। आप उन्हें रिकॉर्ड कर सकते हैं और उन्हें दोबारा सुन सकते हैं, या उन्हें लिख सकते हैं और उन्हें दोबारा पढ़ सकते हैं। ऐसा आपको प्रत‍िद‍िन लगभग आधे घंटे तक नियमित रूप से करना चाहिए जब तक कि आपकी चिंता कम न हो जाए।
  • बाध्यकारी व्यवहार का विरोध करें कि‍ंतु जुनूनी विचार का नहीं।
  • अपनी चिंता को नियंत्रित करने के लिए शराब या सड़कछाप नशीली दवाओं का सेवन न करें।
  • यदि आपके विचारों में आपकी आस्‍था या धर्म के व‍िषय में चिंताएं शामिल हैं तो कभी-कभी किसी धार्मिक नेता से बात करना सहायक हो सकता है ताकि आपको पता चल सके कि क्या यह एक ओसीडी समस्या है।
  • इस पत्रक के अंत में सूचीबद्ध सहायता समूहों या वेबसाइटों में से किसी एक से संपर्क करें।
  • एक स्व-सहायता पुस्तक पढ़ कर देखें जैसे कि इस पत्रक के अंत में सूचीबद्ध पुस्तकों में से एक।

कम सहायक व्यवहार

आश्‍चर्य की बात यह है कि जिन कुछ तरीकों से आप अपनी सहायता करते हैं, वे वास्तव में इसे जारी रख सकते हैं:

  • अपने दिमाग से अप्रिय विचारों को बाहर निकालने का प्रयास करना - इससे आमतौर पर विचार लौटते ही हैं। उदाहरण के लिए, अगले क्षण तक एक गुलाबी हाथी के बारे में न सोचने का प्रयास करें - आपको संभवतः किसी और वस्‍तु के बारे में सोचने में कठिनाई होगी।
  • 'सुरक्षित' या 'सही' विचार लाना। उदाहरण के लिए, आप एक परेशान करने वाले विचार को क‍िसी दूसरे विचार (जैसे दस तक गिनना) या चित्र (जैसे किसी व्यक्ति को जीवित और स्वस्थ देखना) से शांत करने में समय बिताते हैं।
  • पद्धत‍ियां, जाँच, परहेज और आश्वासन की खोज आपकी च‍िंंता थोड़े समय के लिए कम कर देगी - खासतौर पर जब आपको लगता है कि यह कुछ भयानक होने से रोक सकता है। क‍िन्‍तु हर बार जब आप उन्हें करते हैं, तो आप अपने इस विश्वास को मजबूत करते हैं कि वे अनहोनी को होने से रोकते हैं। और इसलिए आप उन्हें करने के लिए अधिक दबाव आद‍ि अनुभव करते हैं।

मुझे क्या सहायता मिल सकती है?

ओसीडी से पीड़ित लोगों के लिए विभिन्न उपचार और अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध है।

संज्ञानात्मक व्यवहारपरक च‍िक‍ित्‍सा (सीबीटी)

यह एक ऐसा उपचार है जो आपके सोचने और व्यवहार करने के तरीके को बदलने में आपकी सहायता करता है ताकि आप बेहतर अनुभव कर सकें और अपने जीवन में आगे बढ़ सकें।

ओसीडी के उपचार के लिए दो प्रकार की सीबीटी का उपयोग किया जाता है - अनावरण और प्रतिक्रिया बचाव (ईआरपी) और संज्ञानात्मक च‍िक‍ित्‍सा (सीटी)।

अनावरण और प्रतिक्रिया बचाव (ईआरपी)

यह बाध्यकारी व्यवहार और चिंताओं को एक-दूसरे को मजबूत करने से रोकने का एक तरीका है। हम जानते हैं कि यदि आप लंबे समय तक तनावपूर्ण स्थिति में रहते हैं तो धीरे-धीरे आप इसके अभ्‍यस्‍त हो जाते हैं और आपकी चिंता दूर हो जाती है। तो, आप धीरे-धीरे उस स्थिति का सामना करते हैं जिससे आपको डर लगता है (अनावरण) कि‍ंतु आप स्‍वयं को अपनी सामान्य बाध्यकारी जांच या सफाई (प्रतिक्रिया बचाव) करने से रोकते हैं, और अपनी चिंता दूर होने की प्रतीक्षा करते हैं।

आमतौर पर इसे छोटे चरणों में करना बेहतर होता है:

  • उन सभी बातों की एक सूची बनाएं जिनसे आप इस समय डरते हैं या बचते हैं;
  • जिन स्थितियों या विचारों से आपको सबसे कम डर लगता है उन्हें सबसे नीचे रखें, सबसे बुरे व‍िचारों को सबसे ऊपर रखें;
  • फिर नीचे से प्रारंभ करें और एक बार में एक से न‍िपटते हुए ऊपर तक काम करें। जब तक आप अंतिम चरण पर विजय प्राप्त न कर लें, तब तक अगले चरण पर न जाएँ।

यदि आप इसका अभ्यास अक्सर, प्रत‍िदिन कई बार, कम से कम एक या दो सप्ताह तक करते हैं तो यह सबसे अध‍िक कारगर होगा। हर बार आप इसे इतनी देर तक करें कि आपकी चिंता अपने सबसे बुरे स्तर के आधे से भी कम हो जाए - इसे प्रारंभ करने में 10 से 90 मिनट के बीच का समय लग सकता है। इससे आप हर 5 मिनट में कितने चिंतित हैं, इसका माप लिखने में सहायता म‍िल सकती है, उदाहरण के लिए, 0 (कोई डर नहीं) से 10 (अत्यधिक डर) तक। आप देखेंगे कि कैसे आपकी चिंता बढ़ती है, फिर घटती है।

आप अपने चिकित्सक के साथ कुछ चरणों का अभ्यास कर सकते हैं, क‍िंतु अध‍िकांश समय जिस गति से आप सहज अनुभव करते हैं उस गत‍ि से आप इसे स्वयं ही करेंगे। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपको अपनी सारी चिंताओं से छुटकारा पाने की आवश्‍यकता नहीं है, बस इसे बेहतर ढंग से संभालना है। याद रखें कि आपकी चिंता:

  • अप्रिय है कि‍ंतु इससे आपको कोई हान‍ि नहीं होगी।
  • यह अंततः चली जायेगी।
  • नियमित अभ्यास से इसका सामना करना अध‍िक सरल हो जाएगा।

ईआरपी आज़माने के दो मुख्य तरीके हैं:

  • निर्देशित स्व-सहायता  – आप किसी पुस्तक या डीवीडी में दिए गए मार्गदर्शन का पालन करते हैं या कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफोन ऐप पर सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम का उपयोग करते हैं। आप परामर्श और सहयोग के लिए कभी-कभी किसी पेशेवर से भी संपर्क करते हैं। यदि आपका ओसीडी हल्का है, और आप में अपनी सहायता करने के तरीकों को आजमाने का आत्मविश्वास है तो यह पद्धत‍ि उपयुक्त हो सकती है।
  • किसी पेशेवर से अकेले या किसी समूह में सीधा नियमित संपर्क – यह आमने-सामने, फ़ोन पर या वीडियो लिंक द्वारा हो सकता है। यह पहले आमतौर पर हर सप्‍ताह या दो सप्‍ताह में होता है, और एक बार में 45 से 60 मिनट के बीच चल सकता है। आरंभ करने के लिए दस घंटे तक संपर्क की अनुशंसा की जाती है कि‍ंतु आपको इससे अधिक की आवश्यकता हो सकती है।

यहाँ एक उदाहरण है:

जॉन काम के लिए प्रत‍िदिन समय पर घर से बाहर नहीं निकल पाता था क्योंकि उसे घर में बहुत सी चीजों को देखना पड़ता थी। उसे चिंता थी कि यदि उसने कुछ वस्‍तुओं की पाँच-पाँच बार जाँच नहीं की तो घर जल सकता है या घर में सेंध लग सकती है। उसने निपटने में सबसे आसान बात से प्रारंभ करते हुए अपने द्वारा जांच की जाने वाली वस्‍तुओं की एक सूची बनाई। यह इस तरह दिखती थी:

  • कुकर (सबसे कम भयप्रद)
  • केतली
  • गैस का चूल्‍हा
  • खिडकियां
  • दरवाजे (सबसे अध‍िक भयप्रद)

उसका पहला कदम कुकर से निपटना था क्योंकि यह उसका सबसे कम भयप्रद मुद्दा था। यह सुनिश्चित करने के बजाय कि कुकर कई बार बंद किया गया था, उसने इसे केवल एक बार देखा (अनावरण)। पहले तो उसे बहुत घबराहट महसूस हुई। उसने खुद को दोबारा देखने के लिए जाने से रोक लिया। वह इस बात पर सहमत हुआ कि वह अपनी पत्नी से उसके लिए भी सब कुछ देखने के लिए नहीं कहेगा, और उससे यह आश्वासन भी नहीं मांगेगा कि घर सुरक्षित है (प्रतिक्रिया बचाव)। अगले दो सप्‍ताह में उसका डर धीरे-धीरे कम हो गया।

फिर वह दूसरे चरण (केतली) इत्यादि की ओर बढ़ा। आख़िरकार वह अपनी किसी जाँच पद्ध‍त‍ियों के बिना घर से बाहर जाने में सक्षम हो गया। अब वह समय पर काम पर जा सकता है।

प्रभावकार‍िता

ईआरपी पूरा करने वाले 4 में से लगभग 3 लोगों को बहुत सहायता मिलती है। जो लोग बेहतर हो जाते हैं, उनमें से 5 में से लगभग 1 में भविष्य में लक्षण विकसित होंगे और उन्हें अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता होगी। हालाँकि 4 में से लगभग 1 व्यक्ति ईआरपी आज़माने से मना कर देता है या फिर इसे पूरा नहीं करता है। वे ऐसा करने में बहुत भयभीत या अभिभूत अनुभव कर सकते हैं।

संज्ञानात्मक उपचार (सीटी)

संज्ञानात्मक उपचार एक मनोवैज्ञानिक उपचार है जो आपको अपने विचारों से छुटकारा पाने का प्रयास करने के बजाय उन पर अपनी प्रतिक्रिया बदलने में सहायता करता है। यदि आपके मन में चिंताजनक जुनूनी विचार हैं तो यह सहायक हो सकता है कि‍ंतु स्‍वयं को बेहतर अनुभव कराने के लिए कोई पद्धत‍ि या कार्य न करें। ओसीडी पर काबू पाने में सहायता के लिए इसे अनावरण च‍िक‍ि‍त्‍सा (आरपी) में भी जोड़ा जा सकता है।

संज्ञानात्मक उपचार आपकी सहायता करता है:

विचारों से लड़ना बंद करने में

हम सभी के मन में कभी-कभी अजीब विचार आते हैं कि‍ंतु वे इतने तक ही सीम‍ित रहते हैं। उनका मतलब यह नहीं है कि आप एक बुरे व्यक्ति हैं या बुरी बातें घटित होने वाली हैं - और ऐसे विचारों से छुटकारा पाने का प्रयास करना ब‍िलकुल कारगर नहीं होता है। जब आपके मन में ऐसे विचार आ रहे हों तो संज्ञानात्मक उपचार आपको बेहतर अनुभव करने में, यहां तक ​​कि आराम का अनुभव करने में भी सहायता कर सकता है। आप हल्की जिज्ञासा या आनन्द के साथ उनका उपचार करना सीख सकते हैं। यदि और भी अधिक अप्रिय विचार आते हैं, तो आप उनका विरोध नहीं करना, उन्हें उत्‍पन्‍न होने देना और उनके बारे में उसी तरह सोचना सीखते हैं। ऐसे विचार अक्सर तब धुंधला जायेंगे जब आप उन्हें दूर करने का प्रयास करना रोक देंगे।

अपने विचारों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया बदलें

आप ध्‍यान देना सीखते हैं क‍ि कब आपके मन में 'विचारों के प्रत‍ि परेशान करने वाले विचार' आते हैं जैसे 'मैं एक बुरा व्यक्ति हूं जो ऐसा सोचता हूं।' आप सोचने के इन अनुपयोगी तरीकों की एक डायरी बना सकते हैं फिर स्‍वयं से पूछकर उन्हें चुनौती दे सकते हैं:

  • इस विचार के सत्य होने के पक्ष और विपक्ष में क्या प्रमाण हैं?
  • यह विचार कितना कारगर है? इसे देखने का दूसरा तरीका क्या है?
  • सबसे बुरा/सर्वोत्तम/सबसे यथार्थवादी परिणाम क्या है?
  • मैं उस मित्र को कैसे सलाह दूँगा जिसे मेरी जैसी समस्‍याएँ हो सकती हैं? यदि उन्हें दी गई मेरी सलाह अपने आप को दी गई मेरी सलाह से भिन्न है, तो क्यों?

उत्‍तरदाय‍ित्‍व और दोषारोपण का सामना करें

आप अवास्तविक और आत्म-आलोचनात्मक विचारों से निपटते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • अपने विचारों को बहुत अधिक महत्व देना (वे विचार “मात्र” हैं);
  • कुछ बुरा घटित होने की संभावना का अधिक अनुमान लगाना;
  • घटित होने वाली बुरी बातों का उत्‍तरदाय‍ित्‍व लेना, भले ही वे आपके नियंत्रण से बाहर हों;
  • अपने प्रियजनों के जीवन के सभी जोखिमों से छुटकारा पाने का प्रयास करना।

अनुपयोगी मान्यताओं का परीक्षण करें

ओसीडी में एक सामान्‍य डर यह होता है कि ' यह सोचने से यह हो जाएगा।' खिड़की से बाहर किसी भवन को देखने का प्रयास करें और उसके ढहने के बारे में सोचें। अपने मन में एक अत्यंत मज़बूत छवि बनायें। क्या होता है? एक और परेशान करने वाली धारणा यह है कि 'विचार आना उतना ही बुरा है जितना कि उन्हें क्रियान्वित करना।' मान लीजिए कि आपका पड़ोसी अस्वस्थ है और उसे कुछ ख़रीदारी करने की आवश्‍यकता है। सिर्फ इसे करने के बारे में सोचें। क्या इससे आप एक भले व्‍यक्‍त‍ि बन जाते हैं? सच में नहीं। सहायक होने के लिए आपको काम को करना पड़ेगा। यही बात 'बुरे' विचारों पर भी लागू होती है। स्‍वयं को यह याद दिलाना महत्‍वपूर्ण है कि मनोग्रसित बाध्यता विकार से पीड़ित व्यक्ति अपने जुनूनी विचारों को क्र‍ियान्‍व‍ित नहीं करता है।

एक संज्ञानात्मक चिकित्सक आपको यह निर्णय लेने में सहायता करेगा कि आप अपने कौन से विचारों को बदलना चाहते हैं, और आपको ऐसे नए विचार बनाने में सहायता करेगा जो अधिक यथार्थवादी, संतुलित और सहायक हैं।

चिकित्सक के साथ अधिकांश बैठकें आपके स्थानीय सामान्‍य च‍िक‍ित्‍सा प्रेक्‍ट‍िस, क्लिनिक या कभी-कभी अस्पताल में होती हैं। यदि आप घर से बाहर नहीं जा सकते हैं तो आप फ़ोन पर या अपने घर पर ही सीटी करवा सकते हैं ।

अवसादरोधी दवा

आप अवसादग्रस्त न हों तब भी एसएसआरआई (सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इन्हिबिटर्स) अवसादरोधी जुनून और बाध्यताओं को कम करने में सहायक हो सकते हैं। उदाहरणों में सरट्रलीन, फ्लुओक्सटीन, परोक्‍सटीन एस्सिटालोप्राम और फ़्लुवोक्‍सामीन शाम‍िल हैं।

ये आमतौर पर सुरक्षित होते हैं कि‍ंतु पहले कुछ दिनों में बेचैनी, सिरदर्द, मुंह की शुष्कता या बीमार अनुभव करने जैसे दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। मध्यम से गंभीर ओसीडी के लिए एसएसआरआई का उपयोग अकेले या सीबीटी के साथ किया जा सकता है। अक्सर ओसीडी के लिए अध‍िक मात्राएं बेहतर काम करती हैं।

यदि 3 महीने तक किसी एसएसआरआई के उपचार से बिलकुल भी लाभ न हुआ हो तो अगला कदम इसे बदलकर एक अन्य एसएसआरआई या क्लोमीप्रमीन नामक दवा लेना होता है। यद‍ि इससे लाभ हो रहा हो तो कम से कम 12 महीने तक दवा जारी रखना सबसे अच्छा रहता है। इन दवाओं की लत नहीं लगती है कि‍ंतु इन्हें बंद करने के कई सप्‍ताह पहले से इनका सेवन धीरे-धीरे कम किया जाना चाहिए।

प्रभावकार‍िता

10 में से लगभग 6 लोगों के स्‍वास्थ्य में दवा से सुधार होता है। औसतन उनके लक्षण लगभग एक तिहाई कम हो जाते हैं। जुनूनरोधी दवाएं जब तक उन्‍हें ल‍िया जाता है तब तक, यहां तक कि कई वर्षों के बाद भी ओसीडी को लौटने से रोकने में सहायता करती हैं। कि‍ंतु - 3 में से लगभग 1 दवा बंद करने वाले लोगों में दवा बंद करने के कुछ महीनों बाद फिर से लक्षण उत्‍पन्‍न होंगे।  यदि दवा का प्रयोग सीबीटी के साथ किया जाए तो ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है।

मेरे लिए कौन सी पद्धत‍ि सबसे अच्‍छी है - दवा या वार्तालाप उपचार?

अनावरण उपचार (ईआरपी) को व्‍यावसाय‍िक सहायता के बिना (साधारण मामलों में) आज़माया जा सकता है और यह प्रभावी है, और बेचैनी के अलावा इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। दूसरी ओर, इसमें बहुत अधिक प्रेरणा और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है और इसमें थोड़े समय के लिए कुछ अतिरिक्त च‍िंंता शाम‍िल होती है।

सीबीटी और दवा संभवतः समान रूप से प्रभावी हैं। यदि आपको केवल हल्का ओसीडी है तो सीबीटी अपने आप में प्रभावकारी हो सकता है।

यदि आपको मध्यम गंभीर ओसीडी है तो आप सीबीटी (चिकित्सक के साथ 10 घंटों तक संपर्क) या फिर दवा (12 सप्ताह के लिए) चुन सकते हैं। यदि आप बेहतर अनुभव नहीं करते हैं तो आपको दोनों उपचारों को आज़माना चाहिए।  देश के कुछ हिस्सों में किसी पेशेवर चिकित्सक से मिलने के लिए कई महीनों की प्रतीक्षा सूची हो सकती है।

यदि आपका ओसीडी गंभीर है, तो प्रारंभ से ही दवा और सीबीटी को एक साथ आज़माना संभवतः सबसे अच्छा है। यदि आपका ओसीडी हल्के से अधिक है और आपको नहीं लगता कि आप ईआरपी और अपने ओसीडी की च‍िंंता को झेल सकते हैं, तो दवा ही एकमात्र विकल्प है। यह 10 में से लगभग 6 लोगों की सहायता करता है कि‍ंतु इसकी अधिक संभावना है कि ओसीडी भविष्य में लौट आएगा - अनावरण उपचार (ईआरपी) वाले 5 में से लगभग 1 व्‍यक्‍त‍ि की तुलना में 3 में से लगभग 1 व्‍यक्‍त‍ि के ल‍िए। इसे लगभग एक वर्ष तक लेना पड़ता है और यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं तो आमतौर पर यह आपकी पहली पसन्‍द नहीं होगी।

इन विकल्पों के बारे में अपने च‍िक‍ित्‍सक से बात करना उचित है जो आपको कोई भी आवश्यक जानकारी देने में सक्षम होगा। आप अपने विश्वसनीय मित्रों या परिवार के सदस्यों से भी राय ले सकते हैं।

यदि उपचार से लाभ न हो तो क्या करें ?

आपका चिकित्सक आपको एक विशेषज्ञ टीम के पास परामर्श हेतु भेज सकता है, जिसमें मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, नर्स, सामाजिक कार्यकर्ता और व्यावसायिक चिकित्सक शामिल हो सकते हैं। वे निम्न सुझाव दे सकते हैं:

  • अनावरण उपचार या दवा के साथ संज्ञानात्मक चिकित्सा जोड़ना;
  • दो जुनूनरोधी दवाएं एक साथ लेना जैसे क्लोमीप्रमीन के साथ स‍िटेलोप्रेम;
  • एरीपिप्रज़ोल या रिसपेरीडोन जैसी मनोव‍िकाररोधी दवा जोड़ना;
  • अन्य लक्षणों का उपचार करना (3 में से लगभग 1 ओसीडी वाले व्यक्ति को च‍िन्‍ता, अवसाद, अथवा शराब या मादक द्रव्यों के सेवन (पदार्थ दुरुपयोग) की समस्या भी होती है;
  • आपके परिवार और देखभाल करने वालों के साथ काम करना, उनका सहयोग करना और उन्‍हें परामर्श देना।

यदि आपको अकेले रहने में कठिनाई हो रही है, तो वे ऐसे लोगों के साथ उपयुक्त आवास ढूंंढने का सुझाव भी दे सकते हैं जो आपको अधिक स्वतंत्र होने में सहायता कर सकते हैं।

उपचार द्वारा ओसीडी वाले अधिकांश लोगों के लिए अच्छे आसार हैं। हालाँकि यदि आपको गंभीर ओसीडी है जिसमें सुधार नहीं हुआ है:

  • मनोवैज्ञानिक उपचार (सीबीटी और ईपीआर) का एक अधिक गहन दैनिक कार्यक्रम जहां आप उपचार के दौरान अस्पताल में रहते हैं।
  • इस समय जिस नई पद्धत‍ि पर शोध किया जा रहा है वह गहन मस्तिष्क उत्तेजना है जिसमें लक्षणों से राहत पाने के लिए विद्युत तरंगों का उपयोग किया जाता है।
  • यद‍ि किसी अन्‍य तरीके से सहायता नहीं मिल पाती है तो एक उपचार ज‍िसकी पेशकश बहुत कम की जाती है, वह मस्तिष्क की शल्‍यक्र‍िया है जिसे 'एब्लेटिव न्यूरोसर्जरी' कहा जाता है। यह वास्तव में एक अंतिम सहारा है क्योंकि इसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

क्या मुझे उपचार के लिए अस्पताल जाने की आवश्यकता होगी?

अधिकांश लोग जी.पी सर्जरी, या किसी ऐसे क्लिनिक में जाने से बेहतर हो जाते हैं जो किसी अस्पताल से जुड़ा हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य इकाई में प्रवेश का सुझाव केवल तभी दिया जाएगा यदि:

  • आपके लक्षण बहुत गंभीर हैं, आप अपनी देखभाल ठीक से नहीं कर सकते हैं या आपके मन में आत्महत्या के विचार आते हैं;
  • आपको अन्य गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं जैसे भोजन विकार, मनोविदलता, मनोविकृति या अत्यधिक अवसाद;
  • आपका ओसीडी आपको उपचार के लिए क्लिनिक जाने से रोकता है।

कौन से उपचार ओसीडी के लिए काम नहीं करते?

इनमें से कुछ पद्धत‍ियां अन्य स्थितियों में काम कर सकती हैं - लेकिन ओसीडी में उनके लिए कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है:

  • पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा जैसे सम्मोहन, होम्योपैथी, एक्यूपंक्चर और आयुर्वेदिक उपचार - भले ही वे आकर्षक प्रतीत होते हों।
  • अन्य प्रकार की अवसादरोधी दवा, जब तक कि आप अवसाद के साथ-साथ ओसीडी से भी पीड़ित न हों।
  • दो सप्ताह से अधिक समय तक नींद की गोलियाँ और प्रशांतक (ज़ोपिक्लोन, डायज़ेपेम, और अन्य बेंज़ोडाइज़ेपीन)। इन दवाओं की लत लग सकती है।
  • युगल या दाम्‍पत्‍य उपचार - जब तक कि ओसीडी के अत‍िर‍ि‍क्‍त संबंध में अन्य समस्याएं न हों। एक साथी और परिवार के लिए ओसीडी और उससे ग्रस्‍त व्‍यक्‍त‍ि की सहायता करने के बारे में और अधिक जानने का प्रयास करना सहायक होता है।
  • परामर्श और मनोविश्लेषणात्मक मनोचिकित्सा। ऊपर वर्णित अधिक विशिष्ट उपचार ओसीडी के लक्षणों के लिए कहीं अध‍िक कारगर प्रतीत होते हैं। परन्तु ओसीडी से पीड़ित कुछ लोगों को अपने बचपन और पिछले अनुभवों के बारे में बात करने से सहायता म‍िलती है।

यदि सीबीटी प्रारंभ करने के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़े तो ?

आपका जी.पी आपको 'मनोवैज्ञानिक उपचार अभ‍िगम सुधार' (IAPT) नामक स्थानीय सेवा या किसी मानसिक स्वास्थ्य दल विशेषज्ञ के पास भेज सकता है।

इस समय सीबीटी में प्रशिक्षित एनएचएस पेशेवरों की कमी है। कुछ क्षेत्रों में, आपको उपचार प्रारंभ करने के लिए कई महीनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। योग्य चिकित्सक अक्सर ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ बिहेवियरल एंड कॉग्निटिव साइकोथेरपीज़के साथ पंजीकृत होते हैं।

यदि 'मैं अपनी सहायता कैसे कर सकता हूँ?' अनुभाग में उल्लिखित उपाय आपकी सहायता नहीं करते हैं, तो आप इस बीच अपने जी.पी से एसएसआरआई दवा प्रारंभ करने के बारे में पूछ सकते हैं।

मेरा परिवार एवं मेरे मित्र क्या सहायता प्रदान कर सकते हैं?

ये कुछ तरीके हैं जिनसे परिवार एवं मित्र सहायता और सहयोग दे सकते हैं।

  • ओसीडी वाले किसी व्यक्ति का व्यवहार अत्‍यंत हताश करने वाला हो सकता है - यह याद रखने का प्रयास करें कि वह मुश्किल बनने या व‍िच‍ित्र व्यवहार करने का प्रयास नहीं कर रहा है - वे अपनी पूरी ताकत से इसका सामना कर रहे हैं।
  • किसी को यह स्वीकार करने में थोड़ा समय लग सकता है कि उन्हें सहायता की आवश्‍यकता है। उन्हें ओसीडी के बारे में पढ़ने और किसी पेशेवर से इस पर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • ओसीडी के बारे में अधि‍क जानकारी जुटाएं।
  • आप अपने सम्‍बन्‍ध‍ियों की बाध्यताओं पर अलग प्रतिक्रिया देकर अनावरण उपचार में सहायता कर सकते हैं:
    • उन्हें भयावह परिस्थितियों से जूझने के लिए प्रोत्साहित करें;
    • पद्धत‍ियों में भाग लेने या जांच करने को 'नहीं' कहें;
    • उन्हें आश्वस्त न करें कि सब ठीक है।
  • इस बात की चिंता न करें कि हिंसक होने का जुनूनी भय रखने वाला कोई व्यक्ति वास्तव में ऐसा ही कर बैठेगा। ऐसा नहीं होता है।
  • किसी को पद्धत‍ि का अनुसरण करने से शारीरिक रूप से रोकने का प्रयास न करना ही सबसे अच्छा है।
  • पूछें कि क्या आप उनके साथ उनके जी.पी, मनोचिकित्सक या अन्य पेशेवर से मिलने जा सकते हैं।

अन्य कौन से सहयोग और संसाधन उपलब्ध हैं?

सहायता समूह

ओसीडी एक्शन
ओसीडी, शारीरिक कुरूपता विकार, बाध्‍यकारी उत्‍खनन व‍िकार और लोमकर्षण उन्माद वाले लोगों के लिए एक परोपकारी संस्‍था।

सहायता एवं सूचना लाइन: 0845 390 6232

Email: support@ocdaction.org.uk.

OCD-UK
ओसीडी से पीड़ित बच्चों और वयस्कों के लिए राष्ट्रीय सहायता समूह।

परामर्श लाइन : 0845 120 3778

Emailsupport@ocduk.org.  

Anxiety UK
च‍िन्‍ता सम्बन्धी समस्याओं जैसे घबराहट, भय, ओसीडी और सम्‍बन्‍ध‍ित दशाओं वाले लोगों के लिए एक संगठन। पीड़ितों एवं उनके परिवार और उनकी देखभाल करने वालों को सहयोग प्रदान करता है। लाइव चैट, ईमेल, स्व-सहायता पुस्तकें, सीडी, डीवीडी और संसाधन।

हेल्पलाइन : 0844 775774

Email: support@anxietyuk.org.uk.

अधिक जानकारी

एनएचएस विकल्प
नेशनल हैल्‍थ सर्व‍िस से दशाओं, उपचारों, स्थानीय सेवाओं और स्वस्थ जीवनयापन पर जानकारी।

ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर बिहेवियरल एंड कॉग्निटिव साइकोथेरपीज़ (बीएबीसीपी)

एनएचएस के भीतर और बाहर सीबीटी प्रदान करने वाले पेशेवरों के विभिन्न समूहों के लिए मुख्य निकाय। यह अच्छी कार्यप्रणाली के मानकों को बनाए रखता है, सूचना एवं पुस्तिकाएं प्रदान करता है और उन सदस्यों की एक पंज‍िका रखता है जिनसे गैर-एनएचएस उपचार के लिए संपर्क किया जा सके। दूरभाष: 0161 054 304; email: babcp@babcp.com

कम्प्यूटरीकृत सीबीटी

बेचैनी, अवसाद, भय, घबराहट और ओसीडी के लिए स्व-सहायता कंप्यूटर पैकेजों की जानकारी के लिए सीबीटी पर हमारा पत्रकया निम्नलिखित लिंक देखें: 

अधिक पठनसामग्री

Reading Well Books on Prescription

यह योजना स्व-सहायता पठन के द्वारा आपको अपनी कुशलता का प्रबंधन करने में आपकी सहायता करती है। पुस्तक सूची का समर्थन स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा समाव‍िष्‍ट दशाओं से पीड़ित लोगों द्वारा किया गया है जिनमें रॉयल कॉलेज ऑफ़ साइक्यैट्रिस्ट्स भी शामिल है। इसे सार्वजनिक पुस्तकालयों द्वारा व्यापक रूप से समर्थन प्राप्त है।

एनआईसीई मार्गदर्शन को समझना

ओसीडी या शारीरिक कुरूपता विकार वाले लोगों, उनके परिवारों, देखभाल करने वालों और जनता के लिए जानकारी।

पुस्तकें

 ब्रेक फ्री फ्रॉम ओसीडी: फियोना चैलाकॉम्ब, विक्टोरिया ब्रीम ओल्डफील्ड और पॉल साल्कोवस्‍कि‍स, वर्मिलियन द्वारा ओवरकम‍िंंग आब्‍सेस‍ि‍व कम्‍पलसि‍व ड‍िसआर्डर व‍िद् सीबीटी ।

अण्‍डरस्‍टैन्‍ड‍िग ऑब्‍सेशन्‍स एण्‍ड कम्‍पलशन्‍स: अ सेल्‍फ हैल्‍प मैनुअल, फ्रैंक टैलिस, शेल्डन प्रेस द्वारा

डेव‍िड वील और रॉबर्ट विल्सन, कांस्टेबल एण्‍ड रॉबिन्सन, द्वारा ओवरकम‍िंंग आब्‍सेस‍ि‍व कम्‍पलसि‍व ड‍िसआर्डर: ऐ सेल्‍फ-हैल्‍प बुक यूज़‍िंग काग्‍न‍िट‍िव-ब‍िहैव‍ियरल टैक्‍नीक्‍स।

 श्रेय

आरसीसाइक (RCPsych) पब्लिक एंगेजमेंट एडिटोरियल बोर्ड द्वारा निर्मित

विशेषज्ञ समीक्षा: डॉक्टर पॉल ब्लेन्कायरन

शृंखला संपादक: डॉक्टर फ़िल टिम्स

शृंखला प्रबंधक : थॉमस केनेडी

This translation was produced by CLEAR Global (Aug 2023)

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